झुमके
झुमके
झुमके पसंद हैं तुमको, मैं ला दूँगा,
और जो चाहिए, सब मंगा दूंगा,
हुआ जो कभी आसपास तुम्हारे,
अपने हाथो से तुम्हें पहना दूँगा ।
मेरा वो उपहार, स्वीकार करोगी ना,
बताओ ना, वो झुमके पहनोगी ना,
पहन कर वो झुमके बताओगी ना,
उनकों पहन कर इतराओगी ना।
चूडिय़ां बढ़ाती है, हाथों की शोभा,
आँखों में कजरा भी ,खूब जंचता है,
कानो में छोटी बालियां,लगती है अच्छी मगर,
कानों को वो लंबे झुमके,और सजा देंगे।
पैसे ज्यादा है नहीं, चांदी के झुमके होंगे,
थोड़े सस्ते होंगे पर, प्रेम से खूब भरे होंगे,
मोती या नग से नहीं, स्नेह से सजे होंगे,
रत्नों से जड़
ित नहीं, प्रीत से जड़े होंगे।
कई बार सोचा तुमको,कुछ तो लाकर दु कभी,
पसंद नहीं पता ज्यादा, पूछा ही नहीं कभी,
जब भी मिलती हो तुम, तुममे ही खो जाता हूँ,
पसंद और ना पसंद तुम्हारी,पूछना भूल ही जाता हूँ।
झुमके का ही पता चला, जब तुमने खुद बताया था,
जिस दिन तुमने मुझको, पूरे दिल से अपनाया था,
झुमके ही ले लोगी ना, और तो कुछ ना मांगोगी ,
झुमके में ही लग जाएगा, जो भी थोड़ा कमाया था।
तुमको बस वादा करना है, साथ हमेशा दोगी तुम,
कोई पास में हो ना हो, पास मेरे रहोगी तुम,
साथ मिलेगा जो तुम्हारा, मैं सब कुछ पा लूँगा,
सोने के और रत्नों से, जड़े झुमके भी ला दूँगा।