जब प्राण तन से निकलें ,
तब ईश्वर स्मरण हो ,
ऐसी ही कामना से ,
ये जीवन सफल हो |
उसका नाम रटने की ,
अब एक धुन सी लगी है ,
वो मेरा मेहरबां है ....
फिर किस बात की कमी है |
दिल जब भी घबराये ,
उसका नाम ही जिताये ,
उसके नाम की अब ,
माला सब फिरायें |
कोरोना माहमारी में अचानक ,
उसके भक्त बढ़ गए हैं ,
जो ना सिमरते पहले ,
वो अब सिमर रहे हैं |
उसका सिमरन करने पर ,
कोई शर्म ना परेशानी ,
वो है मेरा सहारा ,
यूँ ही ढल जायेगी जवानी |
मत भूलना कभी भी ,
वो ही सब कर्म कराये ,
हर पाप और पुण्य का ,
लेखा - जोखा लिखता जाए |
जब प्राण तन से निकलें ,
तब ईश्वर स्मरण हो ,
ऐसी ही कामना से ,
ये जीवन सफल हो ||
गाने की धुन का नाम - मुझे इश्क है तुझी से
फ़िल्म का नाम - उम्मीद