जायज है
जायज है
जो मैं रूठूँ तो ,
तेरा मनाना जायज है
जो मैं किसी और को ताकू तो,
तेरा गुस्सा करना जायज है
जो मैं तेरी नज़रों से नज़रे
मिलाऊँ तो,
तेरी नज़रे झुकाना जायज है
तो तुझे अंधेरे से डर लगता है तो,
मेरा हाथ पकड़ा जायज है
अगर तू दुःखी है तो
मेरी आँखों से आँसू निकलना
भी जायज है
अगर तुम अकेला महसूस
करती हो तो
मेरा तुम्हारे पास आके
बैठना जायज है ..
जो तू बेवफ़ाई करे तो,
मेरा दिल टूटना जायज है
जायज है ...।।