जागो इंसान जागो
जागो इंसान जागो
जागो इंसान जागो
अपने बुरे कर्मों से दूर भागो,
लालच है बहुत ही मतलबी
जो बना रही है तुम्हे इस धरती में अजनबी,
प्रदूषित हो रहा है हर तरफ पर्यावरण
जल्दी करो इसका कोई निवारण,
पेड़ प्राणी सबको है धरती पर अधिकार
क्यों कर रहे हो इस बात को अस्वीकार,
हर प्राणी के घर को तुमने है छीना
कितनी बुरी है तुम्हारी स्वार्थ से भरी जीना,
क्या सुनाई नहीं दे रहा है तबाही का शोर
क्यों घूम रहे हो बनके घमंडी चोर,
अब बदलाव का आ गया है वक़्त
वरना प्रकृति हो जाएगी सक्त।
