STORYMIRROR

UR THOUGHT OUR VOICE !!!! RKG

Inspirational

3  

UR THOUGHT OUR VOICE !!!! RKG

Inspirational

इश्क़ में उड़ना चाहती हूं!!!

इश्क़ में उड़ना चाहती हूं!!!

1 min
491

यूं कैद ना करो मुझे इन झूठी 

बंदिशों में

आज़ाद पंछी हूं उड़ जाना चाहती हूं।

तोड़ो ना मुझे बार बार इन रूढ़िवादी 

बातों से, खुश हूं हर दर्द को

जोड़ देना चाहती हूं।


बेपर्दा लाख कर लो मेरे ना किए गुनाहों को,

मखमली दुपट्टा हूं, हर तंज़ पर ओढ़

लेना चाहती हूं।

कांटे क्यों ना बिछा लो पैरो में बिछे

कालीनों पर, टेढ़ी  मेढ़ी राह हूं, 

मंज़िल तक छोड़ देना चाहती हूं।


बांधा मुझे भी था छोटी सोच के बड़े घेरे में

पाक दिल की आवाज़ हूं, हर बंधन को

तोड़ देना चाहती हूं।

फंसा रखा हो चाहे समाज और

उसकी रितियों ने, जंगल का शेर हूं

दुनिया की भीड़ से दूर

कहीं दौड़ जाना चाहती हूं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational