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Rutuja Misale

Tragedy

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Rutuja Misale

Tragedy

इंतजार

इंतजार

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कोई एक शख्श था हमारा भी इस जहां में

दिल के लफ्जोंं को आँखों से से पढ़ने वाला

हम भी थे कभी किसी के हमदर्द,हमनवा

कोई हमें भी था टूट कर चाहने वाला

न जाने कहाँ खो गया वो इन इंसानों की भीड़ में

न जाने कहाँ खो गया वो रस्ता मेरे दर तक आने वाला

में अब एक अरसे से बैठा हूँ रूठ कर यहाँ

ना जाने कहाँ चला गया वो मनाने वाला

हमें अब डर है,कहीं ए उम्र निकल ना जाए यादो में

आखिर वो आता क्यों नहीं है आने वाला

में कब से मौत को टालकर बैठा हूँ इंतजार में उसके

न जाने कब लौटेगा मेरे ज़नाजे पर रोने वाला।


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