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Raj Bairwa Musafir

Inspirational

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Raj Bairwa Musafir

Inspirational

इंसान

इंसान

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कर्म से ज़्यादा अब धर्म महत्त्वपूर्ण हो गया है,

बोतलों के पानी से सस्ता यहाँ इंसान का खून हो गया है!

कोई रंगों में मज़हब तलाश रहा है,

कोई कागज़ पर लिखकर अपनी बातें चिल्ला रहा है,

धरती को माँ बुलाते हैं जहाँ,

वही औरतों को बेरहमी से पिटा जा रहा हैं,

शिक्षा के मंदिरों में शिक्षा का रहना ही इल्ज़ाम हो गया हैं,

राजनीति का शौक जब से यहाँ आम हो गया है!

देश की चिंता में डूबा हर कोई मशगूल है,

देता हैं गालियां सभी को मानो खुद की कुछ ना भूल है,

हैं खड़ा उस भीड़ के पीछे जिसकी कोई आत्मा नहीं,

जो उसे कह दे सही जो ना लगे उस से उसका कोई वास्ता नहीं,

कर्म से ज़्यादा अब धर्म महत्त्वपूर्ण हो गया है,

बोतलों के पानी से सस्ता यहाँ इंसान का खून हो गया हैं!


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