Bhavini Singh
Drama
प्यार जो
हर किसी की
ज़िंदगी को एक
नया मोड़ देता है।
इनायत
इस माटी में लावण्य-लालित्य ललना के सिंदूर हैं, शोक-विलाप करती विधवाओं के क्रंदन भरपूर इस माटी में लावण्य-लालित्य ललना के सिंदूर हैं, शोक-विलाप करती विधवाओं के क्रं...
बड़ी भाती थी मुझे माँ और बच्चों की गतिविधियां जैसे मेरी जुड़ चुकी थी उनसे रिश्तेदारियां बड़ी भाती थी मुझे माँ और बच्चों की गतिविधियां जैसे मेरी जुड़ चुकी थी उनसे रिश्त...
हर घटना का कारण है, जीवन में जो भी हो रहा है, उसको उसका काम करने दो, वो आपको देख रहा है...! हर घटना का कारण है, जीवन में जो भी हो रहा है, उसको उसका काम करने दो, वो आपको देख...
हमको मखमल भी गड़ता है, वो पत्थर पे सो जाते हैं, ये लोग कहाँ से आते हैं ? हमको मखमल भी गड़ता है, वो पत्थर पे सो जाते हैं, ये लोग कहाँ से आते हैं ?
बच्चों को अच्छा इन्सान बनाऐंगे। हर परिस्थिति का सामना करना सिखायेंगे। बच्चों को अच्छा इन्सान बनाऐंगे। हर परिस्थिति का सामना करना सिखायेंगे।
तो चलो, डर का सामना करते हैं मुश्किलों से लड़ते है खुद से उठते हैं और अपनी मंज़िल को पाते हैं...! तो चलो, डर का सामना करते हैं मुश्किलों से लड़ते है खुद से उठते हैं और अपनी मं...
उड़ी उड़ी रे पतंग, उड़ी उड़ी रे मलंग, उड़ी उड़ी रे चाँदनी चौक में...! उड़ी उड़ी रे पतंग, उड़ी उड़ी रे मलंग, उड़ी उड़ी रे चाँदनी चौक में...!
सो कर उठने पर लगता है सपना है शायद सो कर उठने पर लगता है सपना है शायद
जब मैं जलता धूप में तो छाँव सी कर देती थी .. थी घटा ऐसी कि मेरे घाव भी भर देती थी .. जब मैं जलता धूप में तो छाँव सी कर देती थी .. थी घटा ऐसी कि मेरे घाव भी भर देती ...
बहुत लोग मिलते हैं ज़िन्दगी में, पर कुछ ही करीब आते हैं... बहुत लोग मिलते हैं ज़िन्दगी में, पर कुछ ही करीब आते हैं...
अपने दिल की हर एक बात मुझसे ही तो साझा करती है कहने को तो रिश्ता बस दोस्ती का है अपने दिल की हर एक बात मुझसे ही तो साझा करती है कहने को तो रिश्ता बस दोस्ती...
कभी अपने घर में और कभी बेटे बहू के घर में। कभी अपने घर में और कभी बेटे बहू के घर में।
मैं कर रही हूं पलायन एक अन्य बगीचे की ओर यहां तो लटक रहें हैं शब्दों के शव। मैं कर रही हूं पलायन एक अन्य बगीचे की ओर यहां तो लटक रहें हैं शब्दों के शव।
सुबह की खिली हुई धूप का करो,स्वागत इस धूप में मिली हुई है,खुदा की मोहब्बत। सुबह की खिली हुई धूप का करो,स्वागत इस धूप में मिली हुई है,खुदा की मोहब्बत।
अगर तुम्हारे मन में आये कभी कोई प्रश्न तो पूछना इस जहां के लोगों से. अगर तुम्हारे मन में आये कभी कोई प्रश्न तो पूछना इस जहां के लोगों से.
महाकाली की क्षुधा अब भी पापियों के रक्त हेतु अशांत है। महाकाली की क्षुधा अब भी पापियों के रक्त हेतु अशांत है।
पुरुष अक्सर मुझसे पूछते हैं, 'तुम्हारी महिला पात्र इतनी पागल क्यों हैं?' पुरुष अक्सर मुझसे पूछते हैं, 'तुम्हारी महिला पात्र इतनी पागल क्यों हैं?'
लंका में अग्निकांड भी मैं था लंका में अग्निकांड भी मैं था
माँ मुझको जीवन दे दे तू , मैं तेरा जीवन बन जाऊँगी...! माँ मुझको जीवन दे दे तू , मैं तेरा जीवन बन जाऊँगी...!
मुझे जैसी छोटी बच्ची को जो गम दिखी वो उन बड़े लोगों को क्यों न दिखी ! मुझे जैसी छोटी बच्ची को जो गम दिखी वो उन बड़े लोगों को क्यों न दिखी !