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Dinesh Dubey

Abstract

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Dinesh Dubey

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इल्जाम

इल्जाम

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इल्जाम लगाते रह गए,

सारे जहां के लोगों पर,

पूरी जिंदगी गवा दी,

किस्मत के भरोसे बीता दी।


कुछ कर गुजरने की,

तमन्ना न थी दिल में,

बस हवाई किला बांधते,

रह गए जिंदगी भर।


गर कुछ पाना है जिंदगी में,

तो बहुत कुछ खोकर उठना है,

लोगों की होड़ छोड़कर,

कुछ अलग करने की,

सोच हो मन में।


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