हर जगह तेरा वास है
हर जगह तेरा वास है
कण कण में व्याप्त है तू
हर जगह तेरा प्रकाश है
नभ, धरा , पाताल लोक में
हे ईश्वर, तेरा ही वास है ।
हवा की खुशबू में है तू
तुझसे ही उजालों में चमक है
तारों की टिमटिमाहट तुझसे
तुझसे ही चाँदनी की दमक है
तू है तो बादलों में पानी है
तेरे दम से छटा आसमानी है
सागर की मौजों में ठिकाना तेरा
तेरे होने से नदियों में पानी है ।
पत्तों की सरसराहट तुझसे
फूलों का रंग और गंध भी तू
जड़ में भी तू चेतन में भी तू
वायु की गति तेज मंद में भी तू
गरीब की झोंपड़ी से लेकर
"एंटीलिया" में भी तू ही तू है
मैं जिधर भी देखूँ तू नजर आये
पतझड़ में बहार में तू ही तू है
जो तुझे आज तक जान नहीं पाये
तेरी अपार शक्ति को मान नहीं पाये
उनके अलावा और कौन कह सकता है
कि "वहां पर कोई नहीं रहता है" ।।