नभ, धरा , पाताल लोक में हे ईश्वर, तेरा ही वास है । नभ, धरा , पाताल लोक में हे ईश्वर, तेरा ही वास है ।
उस युद्ध से इस निद्रा तक ना जाने कितनी शांति है, उस युद्ध से इस निद्रा तक ना जाने कितनी शांति है,