STORYMIRROR

Tarif Ansari k

Abstract

3  

Tarif Ansari k

Abstract

हर दूरी कुछ कहती है

हर दूरी कुछ कहती है

1 min
349

हर दूरी कुछ कहती है! 

चली गयी जो अपना घर छोड़...

देखो कितने ताने वो सहती है।

आती जब यादें बचपन की आंखे भर सी जाती है।

अपने सपने छोड़, तुम्हारे रसोई में सारा दिन अपना बिताती है।

हर दूरी कुछ कहती है!

सब कुछ भूल उसने... कहती जिसे थी मोहब्बत पहली..

देखो आज कितनी दूर है..

अब उंगली न उठाओ उसके चरित्र पर..

सबकी पहली मोहब्बत होती है।

हर दूरी कुछ कहती है।


 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract