हनुमानजी का ध्यान
हनुमानजी का ध्यान
बजरंगबली का लगाता है, जो ध्यान
उसका हो जाता है, जग में कल्याण
उसका तो मन कभी न घबराता है
वो तो अपने मन की मुरादे पाता है
बजरंगबली ही है, एकमात्र भगवान
कलियुग मे कहलात, बड़े बलवान
जो भी व्यक्ति मन से लेता है, नाम
उसकी जग-दरिया में तैरती है, नाव
बोलो जय बजरंगीबली, जय हनुमान
अपने लबो पर ले आ जाओ, मुस्कान
उनको बसा ले यूँ, जूं तन में है, प्राण
उनकी भक्ति से मिलेगा, वो वरदान
जन्म-मृत्यु से परे हो जायेगा, इंसान
बिना उनके यह जिस्म है, यूँ बेजान
जैसे लोहार की धौकनी से चले, जान
बालाजी भक्ति का पी तू अमृतपान
कटेंगे लख चौरासी के फंदे तमाम
प्रकाश पुंज में लीन होगा, तू इंसान
बालाजी परम्शक्ति का वो अनुसंधान
शिव के रुद्र रुप, अंनत सूर्य समान
बजरंगबली का लगाता है, जो ध्यान
उसका हो जाता है, जग मे कल्याण
यही साखी के खुदा, यही भगवान
भक्ति से सफल हुआ, जीवन जहान
बोलो जय बजरंगबली, जय हनुमान
वो ही करते प्राणी मात्र का कल्याण
कोई नहीं है, ब्रह्मांड में उनके समान
वो भक्त शिरोमणि प्यारे भगवान।
