हम तेरे लिए
हम तेरे लिए
हम तेरे लिए शायरी, कुछ छंद लिखेंगे।
तेरे गुलाबी होठों को मकरंद लिखेंगे।।
देखा जो तेरी आँखों में, सब कुछ ही लूट गया
पहली ही नज़र में,ऐसा जादू कर दिया
जाने कहाँ हूँ मैं, दिल ढूढता है हर पल
ना नींद है, ना चैन ही,है इश्क की हलचल
खुद को तेरी आँखों में नजरबंद लिखेंगे
हम तेरे लिए शायरी,कुछ छंद लिंखेंगे,
तेरे गुलाबी होठों को मकरंद लिंखेंगे।।
नाज़ुक कलाई है तेरी,फिर भी क्यूँ पकड़ लिया।
यूँ ही टूटने के डर से,मैंने देर ना किया।।
तुम चूड़ियाँ तो हाथों में पहनती नहीं कभी
कंगन भरे तेरे हाथों को कमरबंद लिंखेंगे
हम तेरे लिए शायरी,कुछ छंद लिंखेंगे,
तेरे गुलाबी होठों को मकरंद लिंखेंगे।।
तेरी ये काली जुल्फें हैं काली घटा अम्बर
मदहोश हैं हवाएं, छूकर इन्हें मगर
बिखरा दो लट ये खोलकर, आसमान की तरह
उसके तले हम बैठकर स्वच्छंद लिंखेंगे
हम तेरे लिए शायरी,कुछ छंद लिंखेंगे,
तेरे गुलाबी होठों को मकरंद लिंखेंगे।।
जाओगी मुझसे रूठकर जाने जा जब कभी
आऊंगा याद तुझको हर पल हर घड़ी
में डोर हूँ, तुझको भी एक पतंग लिखेंगे
छूटे ना कभी प्यार का वो रंग लिखेंगे
हम तेरे लिए शायरी,कुछ छंद लिंखेंगे,
तेरे गुलाबी होठों को मकरंद लिंखेंगे।।
नरबन्द लिखेंगे,कमरबंद लिखेंगे
है प्यार बहुत तुमसे ये बुलंद लिखेंगे।।
हम तेरे लिए शायरी कुछ छंद लिंखेंगे,
तेरे गुलाबी होठों को मकरंद लिंखेंगे।।

