प्रकृति में छाई है ख़ुशियाँ अनंत देखो आ गया मनमोहक वसंत प्रकृति में छाई है ख़ुशियाँ अनंत देखो आ गया मनमोहक वसंत
ओ री सखी ये वसंत की आहट है। ओ री सखी ये वसंत की आहट है।
हुआ बसन्त का है जो आगमन, महक उठा है सारा वन उपवन। हुआ बसन्त का है जो आगमन, महक उठा है सारा वन उपवन।
तान सा मकंरद चहके गीत अभिनंदन सुनाकर। तान सा मकंरद चहके गीत अभिनंदन सुनाकर।
हम तेरे लिए शायरी,कुछ छंद लिंखेंगे, तेरे गुलाबी होठों को मकरंद लिंखेंगे।। हम तेरे लिए शायरी,कुछ छंद लिंखेंगे, तेरे गुलाबी होठों को मकरंद लिंखेंगे।।
बची है मकरंद की चंद बूंदें और सुवास भी अभी। बची है मकरंद की चंद बूंदें और सुवास भी अभी।