वसंत
वसंत
प्रकृति में छाई है ख़ुशियाँ अनंत
देखो आया गया मनमोहक वसंत।
कोयल की कूह-कूह लगे जैसे छंद
तितलियाँ एकत्र कर रही मकरंद।
पवन बह रही है देखो मंद- मंद
महका रही कली कली सुमन सुगंध।
प्रकृति में छाई है ख़ुशियाँ अनंत
देखो आ गया मनमोहक वसंत
लाल लाल फूल खिले लाल है पलास
प्रकृति की सुन्दरता आती सबको रास।
मन बसा है सबके उल्लास
भवरों को भी है वसंत से आस
प्रकृति में छाई है ख़ुशियाँ अनंत
देखो आ गया मनमोहक वसंत।
प्रकृति में बिखरे हैं रंग हजार
वसंत में हो गया उपवन तैयार।
चलो आज चलते हैं करने विहार
करे आज फूलों से हम श्रृंगार।
प्रकृति में छाई है ख़ुशियाँ अनंत
देखो आ गया मनमोहक वसंत।
पीली पीली सरसों भी रही है फूल
अमुआ की बौर के लिए अनुकूल।
चहुँ ओर दिखते हैं फूल ही फूल
फूलों में छिप गए वृक्षों के शूल।