हेलमेट-गान
हेलमेट-गान
प्रियजन हेलमेट राखिये, सदा आपने पास।
प्राणों की रक्षा करे, गरमी हो या बरसात।।
गरमी हो या बरसात, हेलमेट सदा सुखदाई।
'सिर-सुरक्षित,सब-सुरक्षित' ,सब-मिल गाओ भाई।।"
हेलमेट से है आँख सुरक्षित,मुंह में धूल न जाई।
बिन हेलमेट तुम कहीं न जाना,कहती बड़की माई।।
कहती बड़की माई,हेलमेट सौ रोग के दवाई।
दुर्घटना-रोग से पहले ही,हेलमेट घर लावा भाई ।।
ठण्ड में सर्दी,गर्मी में लू, हो चाहे बरसात।
धूल,धूप,धुँआ से रक्षा,दुर्घटना में दे साथ।।
दुर्घटना में दे साथ,साथ ये जीवन भर का ।
जीवन और मृत्यु में वरना,अंतर क्षण भर का।।
बात मान लो 'क्षितिज' की,दिन हो चाहे रात।
रखिये हेलमेट साथ में,गरमी हो या बरसात ।।
गरमी हो या बरसात,ये है अनमोल दवाई।
वरना मलोगे हाथ,खेत जब, चिड़िया चुग जाई।।
