हम है ही ऐसे इत्र के जैसे
हम है ही ऐसे इत्र के जैसे
हम हैं ही ऐसे इत्र के जैसे
थोड़ा-थोड़ा तुमसा महकें
थोड़ा-थोड़ा हमसा महकें
तेरी धड़कन में हम धड़कें
मेरी धड़कन में तुम धड़के।
हम हैं ही ऐसे इत्र के जैसे
गजब खुमारी मुझमें मचले
इसी खुमारी में तुम फिसले
नैन से नैन लड़े हैं ऐसे
दो जिस्म इक जां बने हों जैसे।
हम हैं ही ऐसे इत्र के जैसे
एक दूजे को पाया है जबसे
साथ में पूरा जीवन महके
प्यार की बगिया में तुम ऐसे
फूल खिल उठे खुशबू जैसे।
हम हैं ही ऐसे इत्र के जैसे!