हे भोले कान्हा
हे भोले कान्हा
हे भोले कान्हा, मेरे कृष्णा, तुमने सब के संकट मिटाये।
मेरे भी संकट मिटा दो, तुम्हारा भक्त यही पुकारे जाये।
तुम रंक से राजा बनाते हो, सबका भाग्य चमकाते हो।
जो तुम्हारी भक्ति करता, उसको सब सुख पहुंचाते हो।
भगवान श्रीविष्णु का अवतार लेकर द्वापर युग में आये।
माता देवकी पिता वसुदेव के पुत्ररूप में पावनपग लाये।
क्रूर कंस व कालिया नाग के श्राप से मथुरा को मुक्ति दिलाये।
तुमने अपने माता पिता को मथुरा के राजा रानी बनाकर बिठाये।
निर्धन सुदामा की मित्रता को तुम ने सदैव निभाया था।
जो तुम्हारी शरण में गया, वह रिक्तहस्त नहीं आया था।
भीषण वर्षा से त्रस्त मथुरा की प्रजा पर जब घोर संकट छाये।
तुमने गोवर्धन पर्वत को उंगली पर उठाकर सबके प्राण बचाये।
अर्जुन के प्रिय सखा, ज्येष्ठ भ्राता बलराम के लाडले भाई।
चीरहरण के समय तुमने असहाय द्रौपदी की लाज बचाई।
हरे कृष्णा हरे श्याम मैं रटता रहता हूं बस तुम्हारा ही नाम।
भगवत गीता का पाठ नियमित करूं, प्रतिदिन सुबह शाम।
लीन रहता हूं तुम्हारी भक्ति में ही, नहीं रहता दूजा कोई काम।
राधा के तुम्हारे प्रति प्रेम, मीरा की भक्ति के बाद मेरा ही नाम।