हाँ मैं एक लड़की हूँ
हाँ मैं एक लड़की हूँ
पैदा हुई जब मैं, न कोई ख़ुशी थी न कोई जशन..
जी हाँ क्योंकि मैं एक लड़की हूँ !!!
न मुझे मारा गया था, ना किया गया वो पाप् ...!
क्योंकि हाँ मैं एक लड़की हुँ।
बचपन आया तो बताया बेटा घर ही खेलना।
बड़ा खराब है जमाना,
girls school में मुझे पढ़ाया,
मैडम ने सिखाया की ऐसे बैठ, एसे चल,
क्योंकि हाँ तू एक लड़की है।
और कहा बड़ा खराब है जमाना
कॉलेज में भी मुझे अपने शहर ही पढ़ाया गया,
न जाने घर से दूर दिया
और याद है मुझे कहा था ...
बेटी!! कोई कुछ कहे तो बोलना मत
बड़ा खराब है जमाना ....
न बताया गया था मुझे की कौन कौन
खराब है इस जमाने में
और न बतायी गयी थी उम्र की गलतिया,
और समझ लिया दो आँखों केे मिलने को सच्चा प्यार ...
सजा लिए थे लाखो सपने उसे जीवनसाथी मान कर_
पर जब देखा की ये वो खराब जमाना है
जिसमें लड़की केे जिस्म से प्यार किया जाता है,.
हो गयी थी खुद से नफरत ....!!
चाहती थी किसी अपने को बताना ..
पर फिर याद आया ..
की..हाँ मैं तो एक लड़की हु !!
घर की इज़्ज़त,
समाज की इज़्ज़त,
पर खुद की इज़्ज़त नहीं बचा सकती
क्योंकि हाँ मैं एक लड़की हूँ !