हालात
हालात
दिल रो रहा है तेरी यादों में
लम्हे बिखर रहे मेरे जज़्बातों में
समय बहा जा रहा है इन हालातों में
क्या करूं मैं बस समझ नहीं आ रहा
इतनी सारी बातों में।
डरा हुआ हूँ कहीं खो न जाऊं
इन अंधेरी रातों में।
याद करता हूँ तुझे न जाने क्यों मैं।
क्या बस इतना ही हूँ मैं?

