प्राकृतिक जीवन
प्राकृतिक जीवन
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सुनहरी सुबह
खिला आसमान
आई बरसात
गीला जहान
ढली शाम
आई चांदनी रात
शांत था आसमान
तारे टिमटिमाए
रोशनी छाई
जुगनू आए
बच्चे मुस्कुराए
समय का पहिया चला
और फिर आई एक नई सुबह।
