STORYMIRROR

Soutrik Ghoshal

Abstract Classics

4  

Soutrik Ghoshal

Abstract Classics

गुरु

गुरु

1 min
322

सभी महानों के पीछे

एक गुरु खड़ा रहता है।

जो अंतरिम सोने को निहारे,

वह मातृभूमि का अग्रलेख है।।


आइंस्टाइन के पीछे मैक्स थे,

कलाम के पीछे सुब्रमण्यम।

इन गुरुओं ने उनको निहारा

ताकि वे बने सक्षम।।


हमें भी मिलती है उनसे मदद,

हमें भी वे चमकाते हैं।

हमें उनके मार्गदर्शन पर चलना है,

प्रलोभन को पीछे छोड़ कर, आगे बढ़ना है।।

धन्यवाद प्रभु,

जो आपने ऐसे महापुरुषों को धरती पर भेजा।

हे गुरुवर,

आप सा ना होगा कोई दूजा।।


आपका आशीर्वाद,

हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

जो कुछ भी आपने हमें सिखाया,

उसके लिए हम आभारी हैं।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract