गुरु
गुरु
सभी महानों के पीछे
एक गुरु खड़ा रहता है।
जो अंतरिम सोने को निहारे,
वह मातृभूमि का अग्रलेख है।।
आइंस्टाइन के पीछे मैक्स थे,
कलाम के पीछे सुब्रमण्यम।
इन गुरुओं ने उनको निहारा
ताकि वे बने सक्षम।।
हमें भी मिलती है उनसे मदद,
हमें भी वे चमकाते हैं।
हमें उनके मार्गदर्शन पर चलना है,
प्रलोभन को पीछे छोड़ कर, आगे बढ़ना है।।
धन्यवाद प्रभु,
जो आपने ऐसे महापुरुषों को धरती पर भेजा।
हे गुरुवर,
आप सा ना होगा कोई दूजा।।
आपका आशीर्वाद,
हमारे लिए महत्वपूर्ण है।
जो कुछ भी आपने हमें सिखाया,
उसके लिए हम आभारी हैं।।
