STORYMIRROR

Soutrik Ghoshal

Others

4.7  

Soutrik Ghoshal

Others

साहित्य नवाब प्रेमचंद

साहित्य नवाब प्रेमचंद

1 min
89


धनपत है उनका नाम,

जिसने बढ़ाया लमही का मान।

शिवरानी के यह पति, अमृत के पिता,

थे साहित्य में बड़े ही बलवान।।


" गोदान", "गबान", "शतरंज के खिलाड़ी",

थी उनकी सर्वश्रेष्ठ सृष्टि।

"नवाब" के लेख में दिखती थी,

उस समय की सामाजिक दृष्टि।।


थे वह "उपन्यास सम्राट" 

जो प्रणम्य है अन्य कवियों के।

प्रणाम है आपको मेरा,

कवियों के कवि, हे।।


हम भी कर रहें हैं कोशिश,

प्रेरणा उनसे ले कर।

निवेदन है यह कविता मेरा,

उनके चरण - कमलों पर।।


Rate this content
Log in