गुरु से बेहतर कोई नहीं है
गुरु से बेहतर कोई नहीं है
कभी टूटी कुर्सी में सामंजस्य बिठाते
कभी टपकती छत के नीचे ख़ुद बैठ जाते
कभी फटे धोती में पूरा साल आते
तो कभी पढ़ाने में अनेको तरकीब ले आते,
गढ़ते रहे उन तमाम बच्चों की ज़िंदगी
गुरु आपसे बेहतर कोई नहीं इस जहाँ में....
