गुरु का महत्व
गुरु का महत्व
मुझे हर पल हर एक लम्हा दुनिया ने सताया है ,
परायों को कहूँ मैं क्या अपनों ने आज़माया है ।
सबने राह का पत्थर समझ मुझको लिया लेकिन,
वो तुम ही थे जिसने इस पत्थर को भी हीरा बनाया है।।
दुनिया के अंधेरों में मैं भी कम नहीं भटका,
मुकम्मल हुईं न ख्वाहिशें रहा बस काश पर अटका।
सच कहता हूँ जब से तुम मिले ख़ुशियाँ ही आयीं हैं,
ग़मों की आँधियों ने भी कभी मुझको नहीं पटका।।
तुम्हीं हो जिससे सारा जग बनता और संवरता है,
तुम्हारी कोशिशों से ही हर एक बच्चा निखरता है।
भले सारा ज़माना तुमको शर्मिंदा करें लेकिन ,
हर बच्चे का दिल अपने गुरु का सम्मान करता है ।।
।। सभी गुरुओं को सादर समर्पित।।