गुजरा जमाना
गुजरा जमाना
याद आ रहा है वो गुजरा जमाना।
मुझे यूँ बुला के खुद उनका ना आना।
खुद देरी से आ खुद ही मुँह फुलाना।
याद आ रहा है वो गुजरा जमाना।।
मेरा उनको उनका मुझको मनाना।
कभी कभी आपस में ही रूठ जाना।
रूठे रूठे भी अपनी ही सुनाना।
याद आ रहा है वो गुजरा जमाना।।
दिल का दिल को दर्दे दिल फिर बताना।
दिल से दिल को दिलासा यूँ दिलवाना।
बातों ही बातों मैं सुकूं पा जाना।
याद आ रहा है वो गुजरा जमाना।।
चौपालों पर बैठकर यूँ बतियाना।
उलझी को सुलझा के घरों को जाना।
नव भोर से फिर वही सब दोहराना।
याद आ रहा है वो गुजरा जमाना।।