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Navya Maheshwari

Inspirational

5.0  

Navya Maheshwari

Inspirational

गंगा मेरी प्रदूषित हो चली।

गंगा मेरी प्रदूषित हो चली।

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दोस्तों, गंगा हमारी प्रदूषित हो चली,

आओ मिल-जुल कर कुछ ऐसा काम करें,

जिससे गंगा का देश-विदेश में मान बढ़े,

कुछ लोगों को तुम जगा दो,

कुछ को मैं जगाता हूँ,

अपनी गंगा को प्रदूषित होने से बचाता हूँ,

हर भारतवासी को यह प्रण लेना है,

कोई भी पुष्प माला नहीं चढ़ानी है,

सिक्कों को न्योछावर नहीं करना है,

पूजा पाठ सामग्री की आहुति नहीं देनी है,

हर हाल में गंगा साफ रखनी है,

इतनी श्रद्धा भाव है अगर दिल में,

तो कुछ ऐसा कार्य कर दिखा दो,

गंगा का नाम देश में ऊँचा कर दिखा दो,

ठान लो आज सब मेरे देशवासियों,

कोई तस्वीर, मूर्ति विसर्जन नहीं करेंगे,

अपनी गंगा को हर हाल में पवित्र रखेंगे,

स्नान के वक्त साबुन, सर्फ नहीं बहाना,

वस्त्रों को गंगा में नहीं है धोना,

गंगा मल, मूत्रालय का स्थान नहीं,

मवेशियों के लिए गंगा में जगह नहीं,

यह पवित्र सोच हम सबको अपनानी है,

गंगा की हालत हर हाल में सुधारनी है,

कुछ ऐसे छोटे छोटे प्रयास कर डालो,

गंगा को और प्रदूषित होने से बचा लो,

फैक्ट्री मालिकों से तुम अनुरोध करो,

मेरी गंगा में दूषित कचरा मत भरो,

हे श्रध्दालुओं, ज़हन में है यदि गंगा का मान,

मत करो दूषित करके गंगा का अपमान,

दूषित कर के गंगा को जहरीला बना दोगे,

तो धर्म-कर्म में गंगा जल कहाँ से लाओगे,

अगर मेरी गंगा मैया प्रदूषित रहेगी,

स्वच्छ जल की आपूर्ति कहाँ से रहेगी,

तुम बूँद-बूँद स्वच्छ पानी को तरसोगे,

अगर गंगा अपनी प्रदूषित रखोगे,

गंगा को फिर से निर्मल स्वच्छ अमर बनाना है,

हर हाल में गंगा को प्रदूषण मुक्त कराना है।


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