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Chandan Sharma

Inspirational

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Chandan Sharma

Inspirational

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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दुख में हो के भी जो मुस्कुराती है माँ

मुश्किलों से लड़ना भी सिखाती है माँ 


आता है चौराह सफ़र में जब भी दोस्त 

बारंबार सही रस्ता दिखाती है माँ 


है तर्ज़-ए-मोहब्बत सबसे जुदा उसकी 

गुस्सा भी करती है और मनाती है माँ


उससे जीत नहीं पाती ये दुन्या सारी 

अपनों पर ख़ुद को लूटाती जाती है माँ 


कितनें ही किरदार कई रिश्तों में बंधी

हर बंधन आसानी से निभाती है माँ 


अपनी मन की आवाज़ नहीं उठती उससे 

औलादों के सारे नाज़ उठाती है माँ 


क्या तुम ने उस ख़ुदा को देखा है "जाज़िब"

उस खुदा का भी तक़दीर बनाती है माँ।


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