हर वो ख़्वाब, हर वो ख्वाहिश, हर वो तम्मना, जो मेरे दिल में है !
हर वो ख़्वाब, हर वो ख्वाहिश, हर वो तम्मना, जो मेरे दिल में है !
हर वो ख़्वाब, हर वो ख्वाहिश, हर वो तम्मना ,
जो मेरे दिल में है, उसे पूरा करूँगी मैं!
हर वो शक्स, हर वो अपना, जो मेरे सपनों के खिलाफ है,
उसे अपने दिल के करीब रखूंगी मैं,
ताकि अपने सपनों का हर पन्ना,
उसकी वजह से पूरा हुआ है, उससे यह दिखा सकूंगी मैं!
हर वो ख़्वाब, हर वो ख्वाहिश, हर वो तम्मना ,
जो मेरे दिल में है, उसे पूरा करूँगी मैं!
जिस तरह से बेटे, घर के कुल का दीपक होते है,
उसी तरह बेटी बनकर, कुल का नाम रोशन करूँगी मैं!
हर वो ख़्वाब, हर वो ख्वाहिश, हर वो तम्मना ,
जो मेरे दिल में है, उसे पूरा करूँगी मैं!
क्या ज़माना? क्या समाज कहेगा? उसके हर एक पैतरों का,
मुँह तोड़ जवाब, अपने सपनों को पूरा करके दूंगी में!
हर वो ख़्वाब, हर वो ख्वाहिश, हर वो तम्मना ,
जो मेरे दिल में है, उसे पूरा करूँगी मैं!
