घर से मत निकल
घर से मत निकल
जीवन है एक दृश्यपटल
हो घर पे मत ना विकल
कोरोना का है वेग प्रबल
घर से मत निकल,
मत निकल, मत निकल
ज्वाला सी है जलती जग में
राह नही है मिलती जग में
हर आंख है आज सजल
कोरोना का है वेग प्रबल
घर से मत निकल,
मत निकल, मत निकल
खून नही वायरस है रग में
चीनी वायरस है डग- डग में
हर माँ का है नयन तरल
कोरोना का है वेग प्रबल
घर से मत निकल,
मत निकल, मत निकल
घर पर बैठे हैं नेता
घर पर बैठे हैं अभिनेता
घर घर एक है अलख सरल
कोरोना का है वेग प्रबल
घर से मत निकल,
मत निकल, मत निकल
मजबूर है तो क्या हुआ ?
न कसूर है तो क्या हुआ ?
मोदी जी का है प्रण अटल
कोरोना का है वेग प्रबल
घर से मत निकल, मत
निकल, मत निकल
प्रकृति का प्रहार है
एक यही उपचार है
ग़रूर का है अंत अटल
कोरोना का है वेग प्रबल
घर से मत निकल,
मत निकल, मत निकल।