सुबह की सवारी समुद्र तट पर न्यारी ,
घोड़ों ने दौड़ लगाई देखो कितनी प्यारी ,
घुड़सवार भला फिर कैसे होश संभाले ?
आसमान में छाई बदरा कारी - कारी |
चित्र में नजर आई घोड़ों की सवारी,
छाई है एक आदर्शता जो बहुत प्यारी ,
मन को छू लेती है वह सुखद सुबह यात्रा,
समुद्र तट की हरियाली है अद्भुत न्यारी |
चारों ओर फूलों की खुशबू न्यारी ,
पवित्र वायुगामी लगती यह सवारी,
जगमगाती धरती पर जगमगाती लहरें,
वीरता और जीवंतता की कथा प्यारी |
रंगों का मेला रेतीले तट पर प्यारा ,
चिढ़ाती आहटें उमड़ता उत्साह न्यारा ,
चारों ओर बस रंग घुलते, खिलखिलाते,
इस अद्वितीय दृश्य से जिये जग हमारा |
मौसम की भी हुई थी कुछ साझेदारी ,
नीले अंबर की सफेद रेत से अनोखी यारी ,
सुबह की सवारी समुद्र तट पर न्यारी ,
घोड़ों ने दौड़ लगाई देखो कितनी प्यारी ||