फ़ेरबदल ज़िन्दगी
फ़ेरबदल ज़िन्दगी
कभी सुनहरी धूप के पीछे से
छनकर आने वाली रोशनी की तरह
तो कभी रात के अंधेरे से
मद्धम सी दस्तक देती
चांदनी की तरह।
कभी रेगिस्तान की मरीचिका जैसा
तो कभी ख्यालों के बागानों जैसा
हर जगह सफर अनजाना ही है,
और खूबसूरती के आलिंगन से लिप्त
अविरल बढ़ता हुआ शांत से शोर की
और अनवरत ये सफर अनजाना।
