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Nikita Vishnoi

Inspirational

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Nikita Vishnoi

Inspirational

सबक जिंदगी से

सबक जिंदगी से

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विक्षिप्तता में

घूमा मैं

सुबह का

भूला

अनजान

राहों की

गलियों से

नदारद

कहीं भी

चैन ए दीदार

न मिला।


शिकवा जो

हुए उसे

भूल कर तुम

अब विवाद

अंत करो

मैं भटक कर

आ गया हूं

अब तो मुझे

क्षमा करो।



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