एक संगत एक पंगत
एक संगत एक पंगत
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
घृणा स्वयं दिन हीन
जाति कर्म अभिशप्त
ऊंच नीच भावना लुप्त
ब्राह्मण शुद्र सभी साथ
एक बैठक साथ खाना
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
स्वाभिमान सृजन
खालसा बैसाख
दृढ़ संकल्प गुरु
समेटना बिखरी
जनशक्ति संचार
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
स्वाभिमान जगाना
अद्भ्य उत्साह भर
गीदड़ों में शेर शक्ति
बदलनी मान शक्ति
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
सदैव बने शक्ति पुंज
अत्याचारों से जूझ
परास्त उन्हें करना
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
अस्त्र शस्त्र निपुण
करें निडरता पूर्वक
बड़ी बड़ी सामना
लौहपुरुष बन जाए
देख सामने भागे
गीदड़ों की झुंड
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
मेरा नाम सार्थक
गुरु गोविंद सिंह
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
वैशाखी वाले दिन
विशाल जन सभा
स्वयंम का बलिदान
पहुंचे परीक्षा द्वार
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
"पांच प्यारे पंथ"
खत्री जाट धोबी
व कहार एक नाई
विखंडित भारत
संगठित प्रयास
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
हरेक साथ सिंह
"पांच प्यारे पंथ"
लोहे के बाटे में
लोहे के खड़े को
पांच गुरु वाणी
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
जल मिला बत्तासे
अमृत पान तैयार
पहले पिए पांच
गुरु साथ इनके
हाथों अमृत पान
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
गुरु गोविंद राय से
बने गुरु गोविंद सिंह
उच्च कोटि विनम्रता
सबको मिले बराबरी
"वाह वाह गोविंद सिंह
आप गुरु साथ चेला"
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
खालसा पंथ सृजन
निर्णायक मोड़ वक्त
क्रांति अद्भुत घटना
उपेक्षित चीर शोषित
जनधारण मुक्ति राष्ट्रीय
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
योद्धा बना आन्दोलन
विखंडित देश बचाने
अकाल पुरुष परम
वंदना कर वरदान
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत
"शुभ कार्यों संपादन
मैं कभी पीछे ना हटूं
धर्मयुद्ध शत्रुओं नाश
विनाश विजय निश्चय
विजय करूं प्राप्त"
अमृत पान शूरवीर
शेर को चुनौती देते
उसकी की ही मांद
एक संगत एक पंगत।