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Kabita Maharana

Abstract Inspirational Others

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Kabita Maharana

Abstract Inspirational Others

एक नया वसंत आएगा

एक नया वसंत आएगा

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निरन्तर कभी नहीं रहता अँधेरा,

खुशियों से होगा फिर जग उजियारा।

विपदा की इस स्रोत के तुम ही नाविक हो ये कभी न भूलो ,

काल विकराल है पर लक्ष्य को आंखों से ओझल न होने दो।

माना समय प्रतिकूल है पर बस एक धारा ही तो है,

विशाल चट्टानों को चीर यह बहता भी तो है।

निडर हो इस आंधी से तुम डट के लड़ो,

विश्वास की पतवार को मुट्ठी में कस कर पकड़ो।

तेज़ हो जितनी चाहे प्रखर लहरों से तुम कभी न डरो,

धैर्य और साहस से अपनी नैया को किनारे लगाओ।

धीरज धरो ऐ मानव वो समय भी आएगा,

जब सृष्टि में हर्षोल्लास का वसंत खिलखिलायेगा।


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