STORYMIRROR

Bindiyarani Thakur

Inspirational

4  

Bindiyarani Thakur

Inspirational

एक लड़की की सोच

एक लड़की की सोच

1 min
51


बरसों से बस जिम्मेदारी का बोझ 

उठाए जिए जा रही हूँ मैं 

गुजरते वक्त ने एहसास दिलाया

 कि क्या कर रही हूँ मैं 


अब अपने लिए भी कुछ करना चाहती हूँ मैं 

ना रोको ना टोको मुझे 

उम्मीदों के पंख लगा दूर गगन में 

उड़ना चाहती हूँ मैं 


बाबा मेरे लिए भी किताबें खरीद दो ना

वहां मेरा भी दाखिला करा दो ना 

भाई की तरह विद्यालय जाना चाहती हूँ मैं 


माँ कुछ समय और दे दो ना

इतनी जल्दी ब्याह कर

घर नहीं बसाना चाहती हूँ मैं 


मुझे थोड़ा और पढ़ने दो ना

पढ़ लिखकर अपने पैरों पर 

खड़ी होना चाहती हूँ मैं 


हाँ कोख में ही ना मार देना मुझको

इस दुनिया में आना चाहती हूँ मैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational