एक ख्वाब ज़िन्दगी
एक ख्वाब ज़िन्दगी
जीवन के किताब में,
छोटे बढे लम्हों को सींचने की चाह में,
हर एक पैन को सपनों की सियाही से पिरोये जा रहे हैं,
ऐसा लगता हैं,
ख़्वाबों की टोकरी में कुछ हसीं
कहानियां खुदसे जूरति जा रहीं हैं।
ग़मों और खुशियों के दरमियान,
मुस्कुराहटों की टोली का हाथ थामे जा रहे हैं,
सही - गलत में फर्क करना भूलकर,
हम सुकून को महसूस किये जा रहे हैं।
असीसा लगता हैं,
ख़्वाबों की टोकरी में कुछ हसीं कहानियां
खुद ही जुड़ती जा रहीं है।