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Farha Yashmin

Others

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Farha Yashmin

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कुछ ख्वाहिशें ऐसी है

कुछ ख्वाहिशें ऐसी है

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कुछ ख्वाहिशें ऐसी है,

दिल कहता है ज़रा सांस ले सब्र तो कर,

कदम तो ज़रा संभाल, अपने रूह को ज़िंदा रख,

मुसाफिर चलना है उस पार।


तारों को छूने की चाह को आंखों में ले बसा,

खुली आंखों से सपने तो देख ,

अपने चाहतों के पेटी को संभाल,

चलना है दूर,

अगर मिलना होगा तो मिलेंगे कहीं उस पार।


शख़्सियत ऐसी होगी जिसकी चमक से रोशन ये जहान होगा,

जड़ा सब्र तो कर आखिर कदम तो बढ़ा,

सपनों की उड़ान तो भर,

देखेगा जहान तेरा कारवां।

भुलाकर अपने गमों की दास्तां,

जड़ा कदम तो बढ़ा तू खुद को संभाल तो ज़रा।



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