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Tarun Trivedi

Abstract

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Tarun Trivedi

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एक अपना देश है

एक अपना देश है

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एक मुल्क में रहेकर भी तेरा मेरा द्वेष है 

बंद करो लड़ाई, सोचो तू और मैं सब एक है 

नाम देके धर्म का जो बन रहा कोई नेक है 

याद रखना इस जहाँ में कुछ भी नहीं शेष है 

ए मनुष्य क्यों ये तेरा दिल भी इतना सख्त है 

बह रहा लहू ये जितना, इंसानियत का रक्त है 

सुन ले तू भी इस जहाँ में तेरा भी कोई वक़्त है 

चल बसेगा तू वहा, जहाँ खुदा का तख़्त है 

पैसों भरा जीवन भी तो प्यार का गरीब है 

तू ना जाने कितना तू अब अंत के करीब है 

समजो बस तुम इतना की बदल रहा तो वेष है 

है ज़मीन एक ही और एक अपना देश है 

एक अपना देश है, तेरा मेरा देश है 

हम सभी का देश, एक अपना देश है 



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