एक ऐसा रक्षाबंधन
एक ऐसा रक्षाबंधन
महामारी की त्रासदी खड़ी थी
प्यारी बहना विकल बड़ी थी।
घर पर सब थे संक्रमित
आपदा पड़ी थी
मौत से जुझता भाई
बेचैनियाँ तड़पाती थी।
जीवन सूना सूनी हो गई अंगनाई
नेह का बंधन रुठा तीखी हुई सब मिठाई।
हाय ! अभागी मैं !
किसे भैया -भैया पुकारूंगी ?
क्या पूरा जीवन मैं
बिलख कर बिताऊंगी ?
दो महीने रो-रो कर आँसुओं में भीगे थे
जीने की आस खोती यादें तड़पाते थे।
काल का यह कैसा
मंजर आ गया था ?
सावन का पवित्र
त्यौहार रक्षाबंधन आ गया।
बोझिल मन से छत पर खड़ी थी
सुनसान राहें तन्हाई बड़ी थी।
सिसकती थी रोती थी
आहें भरती थी
हर क्षण भाई के लिए
कितना बिलखती थी।
नजर पड़ी एक बालक पर
वह रोता बिलखता जा़र- ब़ेजार !
पता नहीं क्या
बिजली सी चेतना जगी।
झट से वह भागी
नीचे उतर आई।
सच सारा दुःख -दर्द कुछ भी ना याद रहा
शायद दिल से दिल का तार जुड़ रहा।
आपत्ति की घड़ी थी लेकिन
सब कुछ थी वह बिसरी।
कुछ खोया हुआ मिला
जैसे खुशियाँ फिर से चहकी।
उस रोते बच्चे को खूब पुचकारा
उस पर मिठाई खिलौने सब कुछ वारा।
खुशनुमा अहसासों ने
यों साज बजा दिया।
दिल ने महीनों बाद
आज मुस्कुरा लिया।
दिव्य मुस्कान उसके चेहरे पर थिरक गई
कान्हा में मनमोहक भाई की छवि दिख गई।
मासूमियत नूर बन कर
उसके चेहरे पर खिल गई।
उसके मन उपवन में कलियाँ
फिर से चहक गई।
मनमौजी बच्चा फिर घर का रौनक सम्राट था
खेलताफुदकता वामन रूप दिव्य विराट था।
फिर थोड़ी देर में
मायूसियाँ बिखरने लगी।
सिसकियाँ उसकी
बेचैनियाँ बनने लगी।
सच सारा उसके आँखों के सामने झूल रहा
दुख का बादल फिर मूसलाधार बरस पड़ा।।
कहा कोई नहीं है मेरा
सब लोग कहीं चल दिए
महामारी ने निगल लिया
मुझको रोता छोड़ गए।
भगवान ने क्या परीक्षा रखी थी
शायद रक्षाबंधन की नई कसौटी गढ़ी थी ।
भाई रक्षा करता आया है
सदियों से बहन की।
आज बहन पर
रक्षा की भार सौंपी थी।
नूरानी रिश्ते ने आत्म विभोर किया ।
उसने प्यार से उसे आलिंगन किया ।
एक अनजानी सी
आस रूहानी एहसास ।
जिंदगी बंदगी बनी
खुशनुमा भरे इत्तेफाक।
दुआएँ आशीष दिल में भरकर
चंदन रोली अक्षत का टीका करकर।
मौली का धागा पुनीत
कलाई पर सजाई
आरती की थाली कर्पूर
घी के दीये जलाई।
फूलों पर ढ़लकती सुंदर ओस सा पावन।
ईद की आ़जान सा पाक सबसे मनभावन ।
खुदा और परमात्मा की
अस्मतें जैसे बरस गई
छोटे फरिश्ते में
भाई की परछाई मिल गई।
रक्षाबंधन का पर्व एक नया आयाम दे गया
खुशियों का बंधनमुस्कुराने के बहाने दे गया।