Abhishek Gaurkhede
Abstract
माँ अगर शब्द होता
तो शायद उसे बयां भी किया सकता,
लेकिन माँ तो एहसास है
जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता हैं।
खत
वक़्त
मासूम
मजदूर या मजबू...
नन्हे कदम
एहसास
दिल की दहलीज़ पर, प्यार के कुछ कदम, बेख़ौफ़, बेफ़िक्र, रखते चलो, रखते चलो| दिल की दहलीज़ पर, प्यार के कुछ कदम, बेख़ौफ़, बेफ़िक्र, रखते चलो, रखते चलो|
कुछ प्रश्नों के उत्तर तो मिल चुके थे, पर, फिर भी मैं असंतुष्ट था। कुछ प्रश्नों के उत्तर तो मिल चुके थे, पर, फिर भी मैं असंतुष्ट था।
हाँ उन्हीं अपनों को, तलाश रही हैं मेरी आँखें, जिनके लिए मेरे पास, सम्पूर्ण जीवन, सम... हाँ उन्हीं अपनों को, तलाश रही हैं मेरी आँखें, जिनके लिए मेरे पास, सम्प...
अठवें दिन मन मा खुशी भइल जब दुइ हजार जेबी मा गइल पूरा बजार हम घूमि आयन पर छुट्टा ओकर अठवें दिन मन मा खुशी भइल जब दुइ हजार जेबी मा गइल पूरा बजार हम घूमि आयन ...
पर उनकी छत्रछाया देती है शीतलता जैसे बरगद की छाँव। पर उनकी छत्रछाया देती है शीतलता जैसे बरगद की छाँव।
बसंत सी खिली हुई हसीन बंद आंखें और मुरझाई हुई कली सी। बसंत सी खिली हुई हसीन बंद आंखें और मुरझाई हुई कली सी।
लकड़ी के चूल्हे से बनी चाय का गिलास थमाया था छलका कर पानी धारे से जब तड़के कोई लाया था लकड़ी के चूल्हे से बनी चाय का गिलास थमाया था छलका कर पानी धारे से जब तड़के कोई ...
तोड़ दे ! तोड़ दे उन बन्धनों को, तेरी कायरता को मैंने आज ललकार है। तोड़ दे ! तोड़ दे उन बन्धनों को, तेरी कायरता को मैंने आज ललकार है।
क्यों मज़हब-मज़हब करते हो उस रब से भी ना डरते हो, बना बना के धर्म अनेक आपस में कट मरते हो। क्यों मज़हब-मज़हब करते हो उस रब से भी ना डरते हो, बना बना के धर्म अनेक आप...
अचानक हवा में लहराते हुए शंखनाद गूँज उठा जैसे कि कोई युद्धभेरी, युद्ध के ख़त्म होने का ऐलान कर रही ... अचानक हवा में लहराते हुए शंखनाद गूँज उठा जैसे कि कोई युद्धभेरी, युद्ध के ख़त्म ...
मानव-मन का एक सहारा अंधकार-मय बने मनुज मन, आज यही संकल्प हमारा मानव-मन का एक सहारा अंधकार-मय बने मनुज मन, आज यही संकल्प हमारा
कितनी रंगबिरंगी और कितने रंगोंवालियाँ हैं। कितनी रंगबिरंगी और कितने रंगोंवालियाँ हैं।
मौत हूं मैं, इस ब्रह्मांड में मुझसे कोई जीत नहीं सकता, राजा हो या रंक, मेरे आगे कभी कोई टिक नहीं स... मौत हूं मैं, इस ब्रह्मांड में मुझसे कोई जीत नहीं सकता, राजा हो या रंक, मेरे आग...
प्रकृति और लोगों दोनों के लिए बदलता है। सूरज गर्म था लेकिन हवा सर्द थी। प्रकृति और लोगों दोनों के लिए बदलता है। सूरज गर्म था लेकिन हवा सर्द थी।
शायद फिर मिलेगा जवाब उन सवालों का कि सीता की अग्नि-परीक्षा होगी कब तक। शायद फिर मिलेगा जवाब उन सवालों का कि सीता की अग्नि-परीक्षा होगी कब तक।
अपन सब की असीम दोस्ती का दोस्ताना याद है यार छूटे है जनाब पर वो याराना याद है। अपन सब की असीम दोस्ती का दोस्ताना याद है यार छूटे है जनाब पर वो याराना याद है...
हजारों चांद चमके रुखसार पर तेरे रोशन सारा जहां ! हजारों चांद चमके रुखसार पर तेरे रोशन सारा जहां !
ख़ैर, अभी तो तुम नए नए तराने हुए हो, लोगों के ज़हन में नए नए पुराने हुए हो। ख़ैर, अभी तो तुम नए नए तराने हुए हो, लोगों के ज़हन में नए नए पुराने हुए हो।
वे पंच तत्व में विलीन हो गए परंतु मैं इस बात से सहमत नहीं हूं। वे पंच तत्व में विलीन हो गए परंतु मैं इस बात से सहमत नहीं हूं।
जिन हाथों ने तन नोचा है , उन हाथों को काटे हम । टुकड़े टुकड़े कर के चीलों। .. जिन हाथों ने तन नोचा है , उन हाथों को काटे हम । टुकड़े टुकड़े कर के चीलों।...