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AJAY AMITABH SUMAN

Abstract

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AJAY AMITABH SUMAN

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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-6

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-6

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ऐसे शक्ति पुंज कृष्ण जब शिशुपाल मस्तक हरते थे,

जितने सारे वीर सभा में थे सब चुप कुछ ना कहते थे।

राज  सभा में द्रोण, भीष्म थे कर्ण तनय अंशु माली,

एक तथ्य था निर्विवादित श्याम श्रेष्ठ सर्व बल शाली।


वो व्याप्त है नभ में जल में चल में थल में भूतल में,

बीत गया जो पल आज जो आने वाले उस कल में।

उनसे हीं बनता है जग ये वो हीं तो बसते हैं जग में,

जग के डग डग में शामिल हैं शामिल जग के रग रग में।


कंस आदि जो नरा धम थे कैसे क्षण में  प्राण लिए,

जान रहा था दुर्योधन पर मन में था अभि मान लिए।

निज दर्प में पागल था उस क्षण क्या कहता था ज्ञान नही,

दुर्योधन ना कहता कुछ भी कहता था अभिमान कहीं।


गिरिधर में अतुलित शक्ति थी दुर्योधन ये जान रहा,

ज्ञात कृष्ण से लड़ने पर क्या पूतना का परिणाम रहा?

श्रीकृष्ण से जो भिड़ता था होता उसका त्राण नहीं , 

पर दुर्योधन पर मद भारी था लेता   संज्ञान नहीं।


है तथ्य विदित ये क्रोध अगन उर में लेकर हीं जलता था ,

दुर्योधन के अव चेतन में सुविचार कब फलता था।

पर निज स्वार्थ सिद्धि को तत्तपर रहता कौरव कुमार,

वक्त पड़े तो कुटिल बुद्धि युक्त करता था व्यापार।


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