दुनिया रोयेगी
दुनिया रोयेगी
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जानें ये किस हूजूम पे दुनिया उमड़ेगी,
जाने ये किस कफ़न पर सर पटककर दुनिया रोयेगी,
पूछने वाले पूछ लेते हैं हाल मगर,
कोई दिल ओ जां से पूछें तब बात होयेगीं,
जब जाता हूं मैं काम से दफ्तर,
अक्सर खुद से पूछ बैठता हूं के ये सुबह की शाम कब होयेगी,
वो जिस हादसे से गुजर चुका बहुत पहले,
उस वबा की दवा जाने कब होयेगी,
जिस अपने की सोहबत में रहा मैं फिर उससे,
अरसा हुआ मिले फिर उससे मुलाकात जाने कब होयेगी,
दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा ये गुबार ए गुम्बद,
गौर सतह पे मरम्मत की जानें कब होयेगी,
चेहरे पे चेहरे जो लगाए फिरते हैं हर तरफ,
ऐसे चेहरों की शिनाख्त जाने कैसे होयेगी,
किस पल्ले पड़ गई ये जिंदगी मिरे,
फिर मरने की शुरुआत जाने कैसे होयेगी।