दुआ
दुआ
लगता है खुदा की तू मौजूद ही नहीं
चाहत में तेरी शायद कुछ कमी रह गई
....लगता है खुदा
रुठा है अगर मुझसे तो कुछ गम नहीं
रुठा अगर जग से तो कैसे चले ये दुनिया तेरी
....लगता है खुदा
नाराजगी की तेरी हमें आदत ही नहीं
कैसे मनाऊँ तुम्हें मेरी समझ में ही नहीं
....लगता है खुदा
माना के ये जिंदगी दी हुई है तेरी,
सजा तो न दे इतनी की कम हो जिंदगी मेरी
....लगता है खुदा
थक गया हूँ मैं अब देखने कृपा तेरी
राहत कब मिलेगी है तुझ पर ही आस है मेरी
....लगता है खुदा
मृदुल मन से कर्ता हूँ मैं दुआ तेरी
ना कर अब देर कर दे लीला तेरी
....लगता है खुदा
