दुआ
दुआ
शायद मंजूर नहीं ये रब को
कि हर दुआ मेरी कुबूल हो,
पर सिफारिश है रब तेरे से कि
हर मुक्कम्मिल दुआ; बस उनके हक़ में हो।
शायद मंजूर नहीं ये रब को
कि हर दुआ मेरी कुबूल हो,
पर सिफारिश है रब तेरे से कि
हर मुक्कम्मिल दुआ; बस उनके हक़ में हो।