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डाॅ. बिपिन पाण्डेय

Inspirational

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डाॅ. बिपिन पाण्डेय

Inspirational

दोहे

दोहे

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आर्तनाद जग का सुनो,हे प्रभु पालनहार।

मेटो दुख संत्रास को ,सुखी रहे संसार।।1


होगी फिर मीठी सुबह, और सुहानी शाम।

छोड़ उदासी को करो,दुख का काम तमाम।।2


होती है लंबी अधिक ,नहीं अँधेरी रात।

चलने से मंजिल मिले,आए नवल प्रभात।।3


सच मानों हैं दुःख की,साँसें केवल चंद।

होगा इसका एक दिन,हुक्का-पानी बंद।।4


आवश्यक है रोग की ,डालें नाक नकेल।

खेलें घर में कैद हो,लुका-छिपी का खेल।।5

         


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