दोहे कोरोना मर जाएगा आप
दोहे कोरोना मर जाएगा आप
अस्त-व्यस्त जीवन हुआ, चारों दिशा उदास
मानव सहमा जी रहा, नहीं किसी से आस।
कोरोना ने कर दिया, चहुँ दिश हाहाकार।
संयम से सब काम लो, होगी इसकी हार।
सब मिल जाएंगे अगर, होगा यह भय दूर
दुख के बादल छाएंगे, छाएगा नव नूर।
जिद्द स्वयं की छोड़कर, घर बैठो चुपचाप
कोरोना थक हार कर, मर जाएगा आप।
विपदा जब-जब आ पड़ी ,आई श्रद्धा काम।
श्रद्धा औ विश्वास से, लिया प्रभु का नाम।