STORYMIRROR

anuradha nazeer

Abstract

2  

anuradha nazeer

Abstract

दोबारा

दोबारा

1 min
80

जहां नजदीकियां नहीं वहां प्यार जताएं,

रोएं नहीं क्योंकि आपके पार्टनर ने आपको धोखा दिया है।

खुद को स्वीकार करें। बार-बार धोखा दिए बिना।

आनन्दित हो कि मैं ईश्वर की कृपा से बुराई से बच गया हूं।

दोबारा वही गलती न करें।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract