दिल की शिकायत
दिल की शिकायत
उसने दूर रहने का मशवरा भी लिखा है
साथ ही मुहब्बत का वास्ता भी लिखा है
उस ने ये भी लिखा है मेरे घर नहीं आना
साफ़ साफ़ लफ़्ज़ों में रास्ता भी लिखा है
कुछ हरूफ लिखे हैं ज़ब्त की नसीहत में
कुछ हरूफ में उसने हौसला भी लिखा है
शुक्रिया भी लिखा है दिल से याद करने का
दिल से दिल का है कितना फ़ासला भी लिखा है
क्या उसे लिखें क्या उसे कहें
जिस ने कर के बे-जान,
फिर जान-ए-जाँ भी लिखा है।